इंटरनेशनल डेस्क. 1990 में आज ही के दिन इराकी तानाशाह सद्दाम
हुसैन ने कुवैत के खिलाफ जंग छेड़ी थी। इस हमले के जवाब में अमेरिका समेत
38 देश उसके खिलाफ हो गए थे। यूनाइटेड नेशन ने पहले इराक को कुवैत से सेना
हटाने का वक्त दिया, लेकिन ऐसा न करने पर कोलेशन फोर्स ने इराक पर हमला बोल
दिया। इस जंग को गल्फ वॉर के नाम से जाना जाता है। इराक ने आखिर कुवैत के खिलाफ क्यों छेड़ी थी जंग...
- ईरान और इराक के बीच 1980 से चली आठ साल लंबी जंग में साथ देने का खामियाजा कुवैत को गल्फ वॉर के तौर पर भुगतना पड़ा था।
- ईरान के साथ जंग के लिए कुवैत ने इराक को काफी फंडिंग की थी।
- जंग खत्म हुई तो इराक कर्ज में डूब चुका था और उसने कुवैत को कर्ज माफ करने के लिए कहा।
- कर्ज माफी को लेकर कुवैत के साथ सहमति न बनने पर इराक ने उस पर हमला कर दिया।
- ईरान के साथ जंग के लिए कुवैत ने इराक को काफी फंडिंग की थी।
- जंग खत्म हुई तो इराक कर्ज में डूब चुका था और उसने कुवैत को कर्ज माफ करने के लिए कहा।
- कर्ज माफी को लेकर कुवैत के साथ सहमति न बनने पर इराक ने उस पर हमला कर दिया।
गल्फ वॉर का सिलसिलेवार घटनाक्रम...
2 अगस्त,1990- इराक ने कुवैत पर हमला बोला। उस समय इराक की सत्ता सद्दाम हुसैन के हाथ में थी।
2 अगस्त,1990- यूनाइटेड नेशन ने रेजोल्यूशन पास कर कुवैत पर इराक के हमले की निंदा की।
6 अगस्त,1990- यूएन ने हमले को लेकर इराक पर कई प्रतिबंध लगा दिए।
7 अगस्त,1990- अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश ने ऑपरेशन डेजर्ट शील्ड शुरू करने का आदेश दिया।
8 अगस्त,1990- इराक ने कुवैत पर कब्जा कर लिया और उसे अपना हिस्सा घोषित कर दिया।
2 अगस्त,1990- इराक ने कुवैत पर हमला बोला। उस समय इराक की सत्ता सद्दाम हुसैन के हाथ में थी।
2 अगस्त,1990- यूनाइटेड नेशन ने रेजोल्यूशन पास कर कुवैत पर इराक के हमले की निंदा की।
6 अगस्त,1990- यूएन ने हमले को लेकर इराक पर कई प्रतिबंध लगा दिए।
7 अगस्त,1990- अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश ने ऑपरेशन डेजर्ट शील्ड शुरू करने का आदेश दिया।
8 अगस्त,1990- इराक ने कुवैत पर कब्जा कर लिया और उसे अपना हिस्सा घोषित कर दिया।
25 अगस्त, 1990- यूएन ने रेजोल्यूशन पास कर सैन्य तरीकों से प्रतिबंधों को लागू करने की मंजूरी दी।
इराक के खिलाफ हमले की मिली मंजूरी
29 नवंबर,1990- यूएन ने 15 जनवरी, 1991 के बाद इराक के खिलाफ सेना का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी।
16-17 जनवरी,1991- अमेरिका और गठबंधन देशों ने मिलकर इराक के खिलाफ ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म की शुरुआत की।
24 फरवरी,1991- इराक के खिलाफ जमीनी हमले शुरू हो गए।
27 फरवरी,1991- बगदाद रेडियो ने एलान किया कि इराक यूएन के रेजोल्यूशन को मानेगा।
16-17 जनवरी,1991- अमेरिका और गठबंधन देशों ने मिलकर इराक के खिलाफ ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म की शुरुआत की।
24 फरवरी,1991- इराक के खिलाफ जमीनी हमले शुरू हो गए।
27 फरवरी,1991- बगदाद रेडियो ने एलान किया कि इराक यूएन के रेजोल्यूशन को मानेगा।
आजाद हुआ कुवैत
27 फरवरी, 1991- कुवैत को इराक के कब्जे से आजादी मिली।
28 फरवरी,1991- इराक के खिलाफ गठबंधन देशों के हमले रोक दिए गए।
14 मार्च,1991- कुवैत के शासक की देश वापसी हुई।
6 अप्रैल,1991- इराक ने सीजफायर एग्रीमेंट की शर्तों को मान लिया।
28 फरवरी,1991- इराक के खिलाफ गठबंधन देशों के हमले रोक दिए गए।
14 मार्च,1991- कुवैत के शासक की देश वापसी हुई।
6 अप्रैल,1991- इराक ने सीजफायर एग्रीमेंट की शर्तों को मान लिया।
गल्फ वॉर से जुड़े कुछ फैक्ट्स
- इराक के खिलाफ अमेरिका और 38 देशों ने गठबंधन बनाया था।
- गठबंधन सेना में 28 देशों के 670,000 सैनिक शामिल थे। 425,000 सैनिक अकेले अमेरिका के थे।
- यूएस के डिफेंस डिपार्टमेंट के अनुमान के मुताबिक, गल्फ वॉर में 4130 अरब रुपए (61 बिलियन डॉलर) खर्च हुए थे।
- कुवैत, सऊदी अरब और बाकी गल्फ देशों ने जंग की फंडिंग के लिए 2435 अरब रुपए (36 बिलियन डॉलर) दिए थे।
- वहीं, जर्मनी और जापान पर 1082 अरब रुपए (16 बिलियन डॉलर) की फंडिंग दी थी।
- सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, वॉर में एक लाख से ज्यादा इराकी सैनिक मारे गए थे।
- अमेरिका के 383 सैनिकों की मौत हुई थी।

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