बीड़ (महाराष्ट्र): मराठवाड़ा के बीड़ इलाके के साबलखेड गांव में रविवार को एक बच्ची की पानी भरने के दौरान मौत हो गई। रविवार होने के कारण 11 साल की योगिता के स्कूल में छुट्टी थी। हर छुट्टी के दिन योगिता अपने घर से लगभग 400 मीटर की दूरी पर बने एक हैंडपंप से पानी लाने जाती थी। वह हैंडपंप और घर के बीच करीब 8 से 10 चक्कर लगाती थी और हर चक्कर में करीब 10 लीटर पानी ले जाती थी।
हैंडपंप के पास बेहोश हो गई थी योगिता
इस बार भी छुट्टी के दिन वह पानी लाने गई थी। एक चक्कर लगा भी लिया था, लेकिन जब दूसरी बार गई तो वापस नहीं आ पाई। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि योगिता हैंडपंप के पास ही बेहोश हो गई थी। योगिता के चाचा ईश्वर देसाई ने बताया, "करीब 4 बजे हमें बताया गया कि योगिता बेहोश हो गई। हम उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे स्लाइन लगाई, लेकिन उसकी मौत हो गई।"
पानी के लिए घंटों का इंतजार
डेथ सर्टिफिकेट में लिखा है कि दिल और फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था, जिस कारण योगिता की मौत हो गई। इसकी वजह हीट स्ट्रोक और शरीर में पानी की भारी कमी बताई जा रही है। योगिता के चाचा ने यह भी कहा कि हैंडपंप में बहुत कम पानी आता है और लंबी कतार लगी रहती है, इसलिए पानी के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ता है।
मराठवाड़ा में सिर पर पानी के घड़े रखे हुए औरतें और बच्चे एक आम नजारा हैं। भयंकर सूखे के कारण मीलों दूर से पानी लाने की जिम्मेदारी औरतों और बच्चों की है। कई बच्चे इसके चलते स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं।
बीड (महाराष्ट्र) मराठवाड्यातील Sablked बीड जिल्ह्यातील गावात रविवारी एक बाळ मुलगी पूर दरम्यान मृत्यू झाला. रविवारी 11 वर्षीय Yogeeta स्कूल येथे सोडण्यात आले होते. सुट्टी, त्याच्या घरी सुमारे 400 मीटर Yogeeta एक हात पंप आणत होते केले दररोज. हे करतात 10 हात पंप आणि 8 ते घर आणि 10 लिटर पाण्यात प्रत्येक फेरीत बंद झाला होता.
हातपंपांना yogitaa जवळ आशा सोडून दिल्या होत्या होते
तो सुट्टी वर या वेळी पाणी वाहून आणण्यात होता. तसेच एक गोल घेतला, पण परत दुसऱ्या वेळी मिळवू शकलो नाही. हात गावात काही बंद लोक त्यानुसार Yogeeta आशा सोडून दिल्या होत्या होते पंप. योगिता काका प्रभु देसाई यांनी "आम्ही दुपारी 4 वाजता Yogeeta मिळेना. आम्ही त्यांना हॉस्पीटलमध्ये, डॉक्टरांनी त्याला खारट ठेवले तिला घेऊन, पण तो मरण पावला सांगण्यात आले होते."
पाणी तासनतास थांबावे
मृत्यू दाखला अंत: करणात लिहिले आहे आणि फुफ्फुसं हत्या Yogeeta उद्भवणार, काम थांबले होते. परिणामी उष्माघात आणि शरीरातील पाणी तुटवडा असल्याचे सांगितले जाते. योगिता काका देखील हात पंप फार थोडे पाणी आहे आणि लांब रांग आहे, त्यामुळे पाणी तासनतास थांबावे आहे.
डोक्यावर पाणी मराठवाडा भांडे, ठेवून स्त्रिया व मुले एक सामान्य दृष्टीने आहेत. तीव्र दुष्काळ मैल पासून पाणी आणण्यासाठी योग्य दूर स्त्रिया व मुले जबाबदारी आहे. एक परिणाम म्हणून, अनेक मुले शाळेत जातील करण्यात अक्षम आहोत.
Beed (Maharashtra): Beed district of Marathwada Sablked a baby girl on Sunday in the village died during the flooding. Sunday the 11-year-old was discharged at the School of Yogeeta. Every day of the holiday, about 400 meters from his home Yogeeta made was bringing a hand pump. It encompasses 10 hand pumps and home between 8 and 10 liters of water every round was close.
Handpumps were fainted near yogitaa
He was on holiday this time fetching water. Also took a round, but could not get back the second time. According to people close to some of the village hand pumps Yogeeta had fainted. Yogita's uncle Lord Desai said, "We were told that around 4 pm Yogeeta fainted. We took her to the hospital, where doctors put him saline, but he died."
Wait for hours for water
Death certificate is written in the heart and lungs had stopped functioning, causing the killing Yogeeta. As a result, heat stroke and is said to be an acute shortage of water in the body. Yogita's uncle is also very little water in hand pumps and is long queue, so water has to wait for hours.
Marathwada pitcher of water on the head, keeping women and children are a common sight. Due to the severe drought bring water from miles away is the responsibility of women and children. As a result, many children are unable to go to school.
हैंडपंप के पास बेहोश हो गई थी योगिता
इस बार भी छुट्टी के दिन वह पानी लाने गई थी। एक चक्कर लगा भी लिया था, लेकिन जब दूसरी बार गई तो वापस नहीं आ पाई। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि योगिता हैंडपंप के पास ही बेहोश हो गई थी। योगिता के चाचा ईश्वर देसाई ने बताया, "करीब 4 बजे हमें बताया गया कि योगिता बेहोश हो गई। हम उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे स्लाइन लगाई, लेकिन उसकी मौत हो गई।"
पानी के लिए घंटों का इंतजार
डेथ सर्टिफिकेट में लिखा है कि दिल और फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था, जिस कारण योगिता की मौत हो गई। इसकी वजह हीट स्ट्रोक और शरीर में पानी की भारी कमी बताई जा रही है। योगिता के चाचा ने यह भी कहा कि हैंडपंप में बहुत कम पानी आता है और लंबी कतार लगी रहती है, इसलिए पानी के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ता है।
मराठवाड़ा में सिर पर पानी के घड़े रखे हुए औरतें और बच्चे एक आम नजारा हैं। भयंकर सूखे के कारण मीलों दूर से पानी लाने की जिम्मेदारी औरतों और बच्चों की है। कई बच्चे इसके चलते स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं।
बीड (महाराष्ट्र) मराठवाड्यातील Sablked बीड जिल्ह्यातील गावात रविवारी एक बाळ मुलगी पूर दरम्यान मृत्यू झाला. रविवारी 11 वर्षीय Yogeeta स्कूल येथे सोडण्यात आले होते. सुट्टी, त्याच्या घरी सुमारे 400 मीटर Yogeeta एक हात पंप आणत होते केले दररोज. हे करतात 10 हात पंप आणि 8 ते घर आणि 10 लिटर पाण्यात प्रत्येक फेरीत बंद झाला होता.
हातपंपांना yogitaa जवळ आशा सोडून दिल्या होत्या होते
तो सुट्टी वर या वेळी पाणी वाहून आणण्यात होता. तसेच एक गोल घेतला, पण परत दुसऱ्या वेळी मिळवू शकलो नाही. हात गावात काही बंद लोक त्यानुसार Yogeeta आशा सोडून दिल्या होत्या होते पंप. योगिता काका प्रभु देसाई यांनी "आम्ही दुपारी 4 वाजता Yogeeta मिळेना. आम्ही त्यांना हॉस्पीटलमध्ये, डॉक्टरांनी त्याला खारट ठेवले तिला घेऊन, पण तो मरण पावला सांगण्यात आले होते."
पाणी तासनतास थांबावे
मृत्यू दाखला अंत: करणात लिहिले आहे आणि फुफ्फुसं हत्या Yogeeta उद्भवणार, काम थांबले होते. परिणामी उष्माघात आणि शरीरातील पाणी तुटवडा असल्याचे सांगितले जाते. योगिता काका देखील हात पंप फार थोडे पाणी आहे आणि लांब रांग आहे, त्यामुळे पाणी तासनतास थांबावे आहे.
डोक्यावर पाणी मराठवाडा भांडे, ठेवून स्त्रिया व मुले एक सामान्य दृष्टीने आहेत. तीव्र दुष्काळ मैल पासून पाणी आणण्यासाठी योग्य दूर स्त्रिया व मुले जबाबदारी आहे. एक परिणाम म्हणून, अनेक मुले शाळेत जातील करण्यात अक्षम आहोत.
Beed (Maharashtra): Beed district of Marathwada Sablked a baby girl on Sunday in the village died during the flooding. Sunday the 11-year-old was discharged at the School of Yogeeta. Every day of the holiday, about 400 meters from his home Yogeeta made was bringing a hand pump. It encompasses 10 hand pumps and home between 8 and 10 liters of water every round was close.
Handpumps were fainted near yogitaa
He was on holiday this time fetching water. Also took a round, but could not get back the second time. According to people close to some of the village hand pumps Yogeeta had fainted. Yogita's uncle Lord Desai said, "We were told that around 4 pm Yogeeta fainted. We took her to the hospital, where doctors put him saline, but he died."
Wait for hours for water
Death certificate is written in the heart and lungs had stopped functioning, causing the killing Yogeeta. As a result, heat stroke and is said to be an acute shortage of water in the body. Yogita's uncle is also very little water in hand pumps and is long queue, so water has to wait for hours.
Marathwada pitcher of water on the head, keeping women and children are a common sight. Due to the severe drought bring water from miles away is the responsibility of women and children. As a result, many children are unable to go to school.
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