गुड़गांव.दिल्ली-एनसीआर में यूं तो कई छोले-कुल्चे के हाथ ठेले
लगते हैं, लेकिन गुड़गांव के सेक्टर 14 की एक दुकान खास है। बता दें कि
यहां ठेला लगाने वाली महिला की स्टोरी सोशल मीडिया पर चर्चित है। दरअसल,
ठेले पर छोले-कुल्चे बेचने वाली महिला ग्रैजुएट और फर्राटेदार अंग्रेजी
बोलती है। इस महिला का नाम उर्वशी यादव है। उर्वशी को क्यों लगाना पड़ रहा है छोले-कुल्चे का ठेला...
- उर्वशी आर्थिक रूप से संपन्न परिवार की बहू और बेटी हैं। इनके पति एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर थे।
- उर्वशी का परिवार खुश था इसबीच एक एक्सीडेंट में उनके पति का कूल्हा (Hip) टूट गया।
- डाॅक्टर बताते हैं कि उनके कूल्हे की सर्जरी करनी होगी। एक्सीडेंट के बाद उर्वशी के पति की नौकरी भी चली गई।
- उनका परिवार अचानक आर्थिक तंगी से गुजरने लगा। पति की नौकरी जाने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उर्वशी के कंधों पर आ गई।
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गुड़गांव के सेक्टर 17 में अपने पति, ससुर और बच्चों के साथ रहने वाली
उर्वशी ने अपना परिवार चलाने के लिए छोले-कुल्चे का ठेला लगाने का फैसला
लिया।
काम और फैमिली को कैसे करती हैं मैनेज
- उर्वशी के दो बच्चे हैं और दोनों अभी पढ़ाई कर रहे हैं। वे सुबह सबसे पहले उठकर बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजती हैं।
- पति की देखभाल करने के बाद ओल्ड दिल्ली रोड पर सेक्टर-14 के पास पहुंचती है, जहां वे ठेला लगाती हैं।
- उर्वशी बताती हैं कि कम पैसे की लागत से ये बिजनेस शुरू हो गया और उन्हें खाना बनाना पसंद है, तो कोई दिक्कत भी नहीं हुई।
- वे बताती हैं कि अब उनका सपना है कि एक दिन बहुत बड़ा रेस्टोरेंट खोलूं।
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लोग उर्वशी के जज्बे की तारीफ़ कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि वे इतने
टेस्टी छोले-कुल्चे बनाती है, जिससे लगता है कि वह घर का खाना खा रहे हैं।
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