आमतौर पर बढ़ती उम्र को सफेद बाल होने का कारण माना जाता है। अब ऐसा
नहीं रहा है। आजकल सफेद बाल होने की समस्या आम हो गई है। कम उम्र में भी
लोगों के बाल सफेद हो रहे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि विशेषज्ञों के
एक समूह ने बालों के सफेद होने के पीछे पर्यावरण को नहीं, बल्कि अनुवांशिक
कारकों को जिम्मेदार ठहराया है।
एक
शोध में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि परीक्षण के दौरान उन्हें ऐसे
प्रमाण मिले हैं, जिससे ये साबित होता है कि बालों के सफेद होने के पीछे
अनुवांशिक कारक हैं। आपको बता दें इस शोध के लिए लैटिन अमेरिका के अलग-अलग
वंश के छह हजार लोगों पर अध्ययन किया गया है। इस दौरान बालों के रंग, घनत्व
और आकार के साथ जुड़े नए जीन की पहचान की गई। अध्ययन में 'आईआरएफ4' जीन की
पहचान की गई।
हालांकि
इसे बालों के रंग में भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है, लेकिन पहली बार
बालों के सफेद होने से इसके संबंध के बारे में जानकारी मिली है। अध्ययन के
अनुसार, यह जीन मेलेनिन के विनियमन, उत्पादन और भंडारण में शामिल है और
मेलेनिन ही बाल, त्वचा और आंखों का रंग तय करता है।
इसकी
कमी से बालों का रंग सफेद होने लगता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एंडर्स
रूज-लायनेयर्स का कहना है कि इस शोध से बालों के पहले आनुवंशिक संबंध की
खोज हुई है। इसके अलावा शोध समूह ने कुछ अन्य जीनों की भी खोज की है। इनमें
'ईडीएआर' जीन दाढ़ी के बालों की मोटाई और बालों के आकार और 'एफओएक्सएल2'
भौहों की मोटाई से संबंधित होने की बात सामने आई है।
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