kanhaiya kumar jnu Full Speech: Kanhaiya Kumar, Out On Bail, Speaks Of 'Azadi'
देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे जेएनयू छात्र संघअध्यक्ष कन्हैया कुमार ने तिहाड़ जेल से रिहाई के कुछघंटे बाद गुरुवार रात जेएनयू परिसर में एक सभा को संबोधितकरते हुए पीएम नरेंद्र मोदी औरएबीवीपी परसीधा हमला बोला।
पीएम मोदी पर कटाक्ष करते
हुए कन्हैया ने कहा, 'आज मोदी
जी जब संसद में बोल रहे थे, तो मेरा मन किया
कि मैं टीवी में घुस जाऊं।
मोदी जी का सूट पकड़ कर कहूं,
जरा हिटलर की बात कर दीजिए।
छोड़ दीजिए हिटलर को, मुसोलिनी
की बात कर दीजिए। जिससे
आपके गुरु गोलवलकर जी मिलने गए थे। मन
की बात करते हैं, सुनते नहीं
हैं।'
कन्हैया ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा
कि कुछ को आपने हर-हर कहकर ठग लिया, कुछ आज
अरहर से परेशान हैं। कैंपस में छात्रों की एक
बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए
कन्हैया ने एक बार फिर आजादी के नारे लगाए।
कन्हैया ने आरएसएस, सामंतवाद, जातिवाद सेभी आजादी के नारे लगाए। कैंपसमें भारत माता की जय, जय हिंद के नारे लगाए।कन्हैया ने कहा कि हम असमानता, शोषण, सामंतवाद,जातिवाद से आजादी लेकर रहेंगे। पढ़िएकन्हैया ने क्या कहा...पीएम मोदी के वायदों पर तंजजादूगर दिखाएगा जादू बेचेगा अंगूठी। इस देश केभी कुछ नीति निर्माता हैं, जोकहते हैं कि काला धन कम होगा, हर-हरमोदी। महंगाई कम होगी। सबकासाथ सबका विकास। वे सारे जुमले लोगों के जेहन में हैं।हालांकि हम भारतीय लोग भूलते हैं लेकिन इसबार तमाशा इतना बड़ा है कि भूल नहीं पा रहेहैं। लेकिन वे चाहते हैं कि उन जुमलों को भुला दिया जाए।जनविरोधी सरकार के खिलाफ बोलेंगे तो साइबरसेल झूठा विडियो भेजेगा। आपको गालियां देगा।जेएनयू पर सुनियोजित हमलायह बहुत गंभीर समय है। जेएनयू परहमला एक नियोजित हमला है। ये नियोजित है ताकि रोहितवेमुला की लड़ाई खत्म हो। आप जेएनयू कामुद्दा इसलिए चला रहे हैं ताकि लोग भुला दें कि मौजूदापीएम ने अकाउंट में 15 लाख देनेकी बात कही थी।
जेएनयू को भुलाना आसान नहीं। इस देशकी सत्ता ने जब-जब अत्याचार किया है,
जेएनयू से बुलंद आवाज आई है।
सीमा पर जवानों को सल्यूट किया
सीमा पर जवानों को सल्यूट करता हूं। जेल में
सीखा है कि जब लड़ाई विचारधारा
की है, तो व्यक्ति को प्राथमिकता
नहीं देना चाहिए। मैं
बीजेपी के नेता से पूछना चाहता हूं
कि वह जवान आपका क्या है। मेरा बाप किसान है वह
खुदकुशी करता है। उसी का बेटा
सीमा पर ही शहीद
होता है। आप इसकी जिम्मेदारी
मत लो। भारत से आजादी नहीं,
भारत में आजादी मांग रहे हैं। अंग्रेजों से
आजादी नहीं मांग रहे।
जेल का अपना अनुभव बताया
पुलिस ने पूछा कि लाल सलाम लाल सलाम क्या करते हैं।
पुलिस कभी हमको खाना खिलाने
कभी मेडिकल कराने ले जाती
थी। मैं उनसे बात करने लगा। वह
आदमी (पुलिस) भी ऐसा निकला
जैसा मैं। इस देश में पुलिस में कौन नौकरी करता
है। जिसके पिताजी कमजोर वर्ग के हों
वही पुलिस पर नौकरी करता है।
मैं भी गरीब किसान परिवार और
पिछड़े राज्य से आता हूं।
सिपाही ने पूछा कि लाल सलाम क्या है
मैंने कहा लाल मतलब क्रांति, सलाम मतलब क्रांति को
सलाम। उन्होंने कहा कि आपको सब सस्ता मिलता है।
हमने पूछा कि आपको ओवरटाइम का मिलता है। उन्होंने
कहा नहीं मिलता है। मैंने पूछा कैसे कमाते हैं,
बोले वैसे ही जिसे आप करप्शन कहते हैं।
सिपाही भी मेरी तरह
पढ़ना चाहता था, लेकिन उसे जेएनयू नहीं
मिला।
एबीवीपी पर कसा
तंज
एबीवीपी से कोई
नफरत नहीं है। कैंपस का
एबीवीपी बाहर के
एबीवीपी से ज्यादा
तार्किक है। जब हमने जेएनयू के
एबीवीपी को
पानी-पानी कर दिया तो सोचिए
बाकी
एबीवीपी का क्या
हाल होगा। एबीवीपी
को दुश्मन नहीं विपक्ष की तरह
देखते हैं।
इनका विज्ञान से लेना-देना नहीं
विज्ञान में कहा गया कि जितना दबाओगे उतना प्रेशर पैदा
होगा। लेकिन इनका विज्ञान से लेना-देना नहीं
है।
संविधान पर भरोसा
संविधान में भरोसा करते हैं। संविधान की
सभी धाराओं के लिए खड़े हैं। प्रस्तावना में जो
लिखा है उसपर खड़े हैं। समानता, धर्मनिरपेक्षता पर
भरोसा करते हैं। इस बार मैंने पढ़ा कम है, सिस्टम को झेला
ज्यादा है। मेरे पास प्राइमरी डेटा है। फर्स्ट
हैंड सूचना है। जो प्रक्रिया न्यायालय के
अधीन है, उसपर कुछ नहीं
कहना है। मैं भी कहता हूं सत्यमेव जयते।
सत्य की जय होगी।
जेल में मिली कटोरी में दिखा देश
का भविष्य
जेल में दो रंग की कटोरी
मिली। एक लाल रंग की और एक
नीली रंग की। एक
क्रांति के लिए और दूसरी बाबा साहेब के
सामाजिक समरसता के लिए।
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